Why Zoho Is Emerging as the Superior Office Suite for India


माइक्रोसॉफ्ट से भी बेहतर अनुभव देता है Zoho: जानिए श्रीधर वेम्बू के शब्दों में

Why Zoho Is Emerging as the Superior Office Suite for India

भारत की टेक्नोलॉजी दुनिया में Zoho एक बड़ा नाम बन चुका है। हाल ही में Zoho के संस्थापक और पूर्व CEO श्रीधर वेम्बू ने दावा किया है कि उनका वेब-आधारित ऑफिस सुइट Microsoft से कहीं ज्यादा शक्तिशाली और व्यापक है। उन्होंने कहा कि Zoho का प्रोडक्ट ‘माइक्रोसॉफ्ट से भी उच्च अनुभव’ देता है और यह दुनिया का अकेला ऐसा भारतीय प्लेटफॉर्म है जो Microsoft जैसी बड़ी कंपनी को टक्कर दे सकता है।

Why Zoho Is Emerging as the Superior Office Suite for India
Why Zoho Is Emerging as the Superior Office Suite for India: Zoho Founder Sridhar Vembu

Zoho क्यों है खास?

Zoho एक भारतीय कंपनी है जो ऑफिस प्रोडक्टिविटी टूल्स, क्लाउड सॉफ्टवेयर, अकाउंटिंग, सीआरएम, और AI जैसी टेक्नोलॉजी में निरंतर नवाचार कर रही है। कंपनी का मानना है कि वह उत्पादों की ‘रेंज’ और ‘गहराई’ दोनों में Microsoft के मुकाबले बेहतर है। श्रीधर वेम्बू कहते हैं कि उनकी कंपनी ने पिछले दो दशकों में प्रोडक्ट्स की लाइनों में जबरदस्त विस्तार किया है।

R&D और भारतीय टैलेंट पर भरोसा

श्रीधर वेम्बू ने बताया कि Zoho आज रिसर्च और डेवलपमेंट (R&D), क्लाउड इंफ्रास्ट्रक्चर, प्लैटफॉर्म, AI और एप्लीकेशंस पर लगातार निवेश बढ़ा रहा है। इसका मतलब है कि आने वाले समय में यहां और तेज़ी से इनोवेशन और नए प्रोडक्ट्स देखने को मिलेंगे।

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आत्मनिर्भर भारत की मिसाल

हाल ही में आईटी मंत्री श्री अश्विनी वैष्णव ने एक पोस्ट शेयर की जिसमें बताया कि उन्होंने अपने ऑफिस के सारे डॉक्यूमेंट्स, स्प्रेडशीट्स और प्रेजेंटेशन्स का काम माइक्रोसॉफ्ट छोड़कर अब Zoho पर करना शुरू कर दिया है। साथ ही उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भी इसका इस्तेमाल करने की सलाह दी।

श्रीधर वेम्बू ने मंत्री का धन्यवाद करते हुए कहा, “यह हमारे इंजीनियरों के लिए बहुत बड़ी प्रेरणा है, जिन्होंने पिछले बीस साल से मेहनत की है।” उन्होंने आगे लिखा कि हम अपने देश और अपने उत्पाद दोनों पर गर्व महसूस करते हैं।

भारतीय कंपनियों के लिए संदेश

Zoho जैसे प्लेटफॉर्म न सिर्फ भारत को डिजिटल क्षेत्र में आगे ले जा रहे हैं, बल्कि युवाओं के लिए भी प्रेरणा का स्रोत बन रहे हैं कि वे अपनी टेक्नोलॉजी, अपने देश में ही विकसित करें। मंत्री अश्विनी वैष्णव द्वारा Zoho को अपनाना और बाकी लोगों को भी ऐसा करने का संदेश एक बड़ा संकेत है।

अंतरराष्ट्रीय मुकाबला और मूल्य

श्रीधर वेम्बू ने दूसरे इंटरनेशनल प्लेयर्स यानी Salesforce और Slack का भी जिक्र किया। उन्होंने बताया कि किस तरह स्लैक ने एक गैर लाभकारी ग्राहक से अपनी सर्विस की कीमत 5,000 डॉलर प्रति वर्ष से बढ़ाकर 2,00,000 डॉलर प्रति वर्ष कर दी। इसके मुकाबले भारतीय Zoho बहुत ही किफायती, इनोवेटिव और कस्टमर-फ्रेंडली सॉल्यूशन देता है।

निष्कर्ष

आज Zoho की कामयाबी केवल भारत में ही नहीं, बल्कि पूरी दुनिया में एक मिसाल है। माइक्रोसॉफ्ट जैसी दिग्गज कंपनी को कड़ी टक्कर देना, नए-नए सॉफ्टवेयर टूल्स बनाना, सरकारी मंत्री और आम लोग दोनों का भरोसा जीतना—इन बातों से साफ है कि भारतीय तकनीकी कंपनियां अब पीछे नहीं हैं।

Zoho की यह उपलब्धि स्टार्टअप्स, छात्रों और आईटी प्रोफेशनल्स के लिए भी एक संदेश है—अगर मेहनत और इनोवेशन हो, तो कुछ भी संभव है।


सर्च और शाेयर करें: अगर आप भी माइक्रोसॉफ्ट जैसे विदेशी सॉफ्टवेयर का विकल्प ढूंढ रहे हैं, तो एक बार Zoho को जरूर आज़माएं। स्वदेशी, सुरक्षित और आसान—देश के लिए, बिजनेस के लिए, और खुद आपके लिए!

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