Sustainable development and Agriculture 1 सतत विकास और कृषि
1. सतत कृषि में समन्वित जलसम्पदा प्रबंधन (Integrated Water Resources Management) की भूमिका क्या है? सतत कृषि में जल संरक्षण में आधुनिक सिंचाई तकनीक की भूमिका क्या है?
उत्तर: समन्वित जलसम्पदा प्रबंधन जल संसाधन के उपयोग और संरक्षण को प्रभावी रूप से प्रबंधित करने में सहायक भूमिका निभाता है। यह जल संरक्षण विधियों, उचित सिंचाई पद्धतियों और पुन: उपयोग योग्य जल के उपयोग के माध्यम से कृषि में जल अपव्यय को कम करता है। समन्वित जलसम्पदा प्रबंधन कृषि उत्पादकता को बढ़ाता है और पर्यावरण की रक्षा करता है।
आधुनिक सिंचाई तकनीक जैसे ड्रिप सिंचाई और स्प्रिंकलर सिंचाई जल के अपव्यय को कम करके निर्धारित स्थान पर पानी पहुंचाते हैं। ये विधियां जल के कुशल उपयोग को सुनिश्चित करती हैं और मिट्टी की नमी बनाए रखती हैं। आधुनिक सिंचाई तकनीक कृषि उत्पादन को बढ़ाती है और सतत कृषि को सुनिश्चित करने में सहायक होती है।
2. सतत कृषि में वर्षा जल संग्रहण (रैनवाटर हार्वेस्टिंग) की भूमिका क्या है? जल सिंचाई व्यवस्था में चार नई पद्धतियों का उल्लेख कीजिए।
उत्तर: वर्षा जल संग्रहण एक महत्वपूर्ण तकनीक है जो शुष्क मौसम में जल आपूर्ति सुनिश्चित करती है। यह भूमिगत जल स्तर को फिर से भरने में मदद करता है और सिंचाई के लिए आवश्यक पानी प्रदान करता है। वर्षा जल संग्रहण करके किसान जल अपव्यय को कम कर सकते हैं और सतत कृषि सुनिश्चित कर सकते हैं।
जल सिंचाई व्यवस्था में चार नई पद्धतियां हैं – ड्रिप सिंचाई (drip irrigation), स्प्रिंकलर सिंचाई (sprinkler irrigation), वर्षा जल संग्रहण (rain water harvesting) और जल पुनर्चक्रण (recycled water irrigation)।
3. वर्मीकम्पोस्ट किसे कहते हैं?
उत्तर: विभिन्न प्रकार के केंचुओं का उपयोग करके विभिन्न जैविक पदार्थों को सड़ाकर जो जैव खाद तैयार किया जाता है, उसे वर्मीकम्पोस्ट कहते हैं। इस खाद का उपयोग करने से मिट्टी में पोषक तत्वों की मात्रा बढ़ जाती है।
4. उपजाऊ मिट्टी किसे कहते हैं? मिश्रित कृषि के लिए उपयुक्त मिट्टी का उदाहरण दीजिए।
उत्तर: जिस मिट्टी में पौधों की सामान्य वृद्धि के लिए आवश्यक विभिन्न तत्व निर्धारित मात्रा में होने के कारण पौधों की वृद्धि सामान्य मात्रा में होती है, उसे उपजाऊ मिट्टी कहते हैं।
मिश्रित कृषि के लिए उपयुक्त मिट्टी का उदाहरण है पीट एवं जैविक मृदा तथा लैटेराइट श्रेणी की मृदा।
5. मिट्टी की बनावट या टेक्सचर किसके आधार पर निर्धारित होती है? जीवाणुओं द्वारा जैविक पदार्थों के अपघटन के फलस्वरूप मिट्टी में किस पदार्थ का निर्माण होता है?
उत्तर: मिट्टी में बालूकण, पलिकण एवं कणों की मात्रा के आधार पर मिट्टी की बनावट या टेक्सचर निर्धारित होती है।
जीवाणुओं द्वारा जैविक पदार्थों के अपघटन के फलस्वरूप मिट्टी में ह्यूमस का निर्माण होता है।

6. कौन सी प्रकार की मिट्टी आर्द्र कृषि के लिए विशेष रूप से उपयुक्त है? शुष्क कृषि के लिए उपयुक्त मिट्टी का उदाहरण दीजिए।
उत्तर: दोमट मिट्टी आर्द्र कृषि के लिए विशेष रूप से उपयुक्त है।
शुष्क कृषि के लिए उपयुक्त मिट्टी का उदाहरण है लैटेराइट मिट्टी।
7. स्थायी कृषि में मिट्टी के स्वास्थ्य परीक्षण का महत्व क्या है?
उत्तर: मिट्टी का स्वास्थ्य परीक्षण किसानों को मिट्टी के पोषक तत्वों के बारे में सही जानकारी देता है, जो सही खाद के प्रयोग में सहायक होता है। यह सही गुणवत्ता बनाए रखने और फसलों की उत्पादकता बढ़ाने में सहायक भूमिका निभाता है। मिट्टी का स्वास्थ्य परीक्षण मिट्टी के प्रदूषण को कम करने और पर्यावरण की रक्षा में भी सहायक होता है।
8. मिट्टी का सामान्य pH मान कितना होता है? HYV का पूरा नाम क्या है?
उत्तर: मिट्टी का सामान्य pH मान लगभग 6.8-7.2 होता है।
HYV का पूरा नाम – हाई यील्डिंग वैरायटीज (High Yielding Varieties)
9. दोमट मिट्टी को खेती के लिए अच्छी मिट्टी क्यों माना जाता है?
उत्तर: दोमट मिट्टी को खेती के लिए अच्छी मिट्टी माना जाता है क्योंकि इसमें पोषक तत्वों की मात्रा ज़्यादा होती है। साथ ही, इसमें पानी और हवा का प्रवेश आसानी से होता है। दोमट मिट्टी में नमी बनी रहती है और इसमें जल निकासी भी अच्छी होती है. इस वजह से, इसमें पौधे आसानी से बढ़ते हैं।
10: कृषि पद्धति में मल्चिंग क्या है और इसके घटक क्या हैं? स्थायी कृषि में जैविक मल्चिंग के लाभ क्या हैं?
उत्तर: मल्चिंग मिट्टी के ऊपर जैविक या अजैविक पदार्थ फैलाने की एक विधि है। यह मिट्टी की नमी बनाए रखने और खरपतवार नियंत्रण में सहायक है। मल्चिंग मिट्टी के तापमान को नियंत्रित करती है और फसल के लिए पोषण प्रदान करती है। यह मिट्टी के कटाव को रोकने में भी प्रभावी है।
11: चूनाकरण क्या है? अम्लीय मिट्टी को उदासीन और खेती के योग्य बनाने के लिए क्या प्रयोग किया जाता है?
उत्तर: अम्लीय मिट्टी को खेती के लिए उपयुक्त बनाने के लिए अक्सर मिट्टी में कैल्शियम और मैग्नीशियम युक्त पदार्थ जैसे चूना का प्रयोग किया जाता है, जिससे मिट्टी के पीएच मान में वृद्धि होती है। इस प्रक्रिया को चूनाकरण कहते हैं।
अम्लीय मिट्टी को उदासीन और खेती के योग्य बनाने के लिए इसमें कैल्शियम कार्बोनेट या कैल्शियम-मैग्नीशियम कार्बोनेट का प्रयोग किया जाता है।
12. पोटेशियम सल्फेट, डाई अमोनियम फॉस्फेट एवं यूरिया अमोनियम फॉस्फेट क्या है?
उत्तर: पोटेशियम सल्फेट एक प्रकार का पोटाश युक्त रासायनिक खाद है। इसमें लगभग 46-52% पोटाशियम होता है। यह खाद सभी प्रकार के फसलों के लिए प्रयोग किया जाता है।
डाई अमोनियम फॉस्फेट या DAP एक विशेष प्रकार का नाइट्रोजन एवं सल्फर युक्त मिश्रित खाद है।
यूरिया अमोनियम फॉस्फेट एक विशेष प्रकार का नाइट्रोजन एवं फॉस्फोरस युक्त मिश्रित खाद है। यह यूरिया एवं फॉस्फोरिक एसिड से बनाया जाता है।
13. हड्डी का चूर्ण किस तरह की खाद है? कृषिभूमि में Nostoc डालने से कौन सा तत्व प्रचुर मात्रा में प्राप्त होता है?
उत्तर: हड्डी का चूर्ण एक प्रकार का जैविक खाद है।
कृषिभूमि में Nostoc डालने से नाइट्रोजन तत्व प्रचुर मात्रा में प्राप्त होता है।
14. एक माइकोराइजा गठनकारी छत्रक का नाम लिखो जो जैवउर्वरक के रूप में स्थायी कृषि में प्रयोग किया जाता है। पट्टू को ‘सोने का तंतु’ क्यों कहते हैं?
उत्तर: Glomus माइकोराइजा एक छत्रक है। यह जैवउर्वरक के रूप में स्थायी कृषि में प्रयोग किया जाता है।
पटसन के रेशे का रंग सोने के समान होता है। पटसन एवं पटसन से बने उत्पादों के निर्यात से भारत को बहुत अधिक विदेशी मुद्रा प्राप्त होती है। इसलिए पटसन को ‘सोने का तंतु’ कहा जाता है।
15. NPK से क्या तात्पर्य है? PCP का पूरा नाम क्या है?
उत्तर: उपज के लिए आवश्यक तीन खनिज तत्वों नाइट्रोजन (N), फॉस्फोरस (P) एवं पोटाश (K) का संयुक्त रूप NPK है।
PCP का पूरा नाम पेंटा क्लोरो फिनोल है।
16. रासायनिक सार किसे कहते हैं? खेत की खाद क्या है?
उत्तर: विभिन्न प्रकार के अजैव रासायनिक तत्वों के मिश्रण से कारखाने में उत्पादित सार को रासायनिक सार कहते हैं। जैसे-यूरिया फॉस्फेट।
कृषि खेतों में पशुओं के मल-मूत्र, पशुओं के भोजन के अवशेष और अन्य प्रकार के कचरे को एकत्रित करके सड़ा-गला कर जो जैव-सार तैयार किया जाता है, उसे खेत का खाद या फार्मयार्ड मैन्यूर कहते हैं।
17. गोबर खाद और मिश्रित खाद क्या है?
उत्तर: केवल गाय-भैंस के मल-मूत्र को मिलाकर सड़ा-गला कर जो खाद तैयार किया जाता है, उसे गोबर खाद कहते हैं।
दो या दो से अधिक रासायनिक तत्वों जैसे-नाइट्रोजन, फॉस्फोरस और पोटाश को मिलाकर जो खाद तैयार किया जाता है, उसे मिश्रित खाद कहते हैं। जैसे-सुफला।
18. खेतों में नाइट्रोजन की कमी पूरक खाद या रासायनिक खाद कौन सा है?
उत्तर: खेतों में नाइट्रोजन की कमी पूरी करने के लिए यूरिया का प्रयोग किया जाता है।
19. एल्युमिनियम सल्फेट व हड्डी का चूर्ण किस प्रकार का खाद है?
उत्तर: एल्युमिनियम सल्फेट एक रासायनिक खाद है।
हड्डी का चूर्ण एक जैव-खाद है।
20. कास्टिक सोडा-पोटाश में नाइट्रोजन की मात्रा कितनी प्रतिशत होती है? खेतों में क्लोरीन युक्त रासायनिक खाद (जैसे सोडियम क्लोराइड) प्रयोग करने से होने वाली हानि लिखो।
उत्तर: कास्टिक सोडा-पोटाश में नाइट्रोजन की मात्रा लगभग 2% होती है।
खेतों में क्लोरीन युक्त रासायनिक खाद प्रयोग करने से मिट्टी का क्षारीयपन बढ़ जाता है। यह मिट्टी को खराब बना देता है।
21. N या नाइट्रोजन युक्त, P या फॉस्फोरस युक्त और K या पोटाश युक्त तीन-तीन खाद के नाम लिखो।
उत्तर: N या नाइट्रोजन युक्त तीन खादों के नाम-यूरिया, अमोनियम सल्फेट और नाइट्रेट ऑफ सोडा।
P या फॉस्फोरस युक्त तीन खादों के नाम-रॉक फॉस्फेट, सुपर फॉस्फेट और बोन्स मील।
K या पोटैशियम युक्त तीन खादों के नाम ये रहे: म्यूरिएट ऑफ़ पोटाश (MOP), सल्फ़ेट ऑफ़ पोटाश, पोटैशियम-मैग्नीशियम सल्फ़ेट।
22. DDT का पूरा नाम क्या है? और इसका कार्य क्या है?
उत्तर: DDT का पूरा नाम है – Dichlorodiphenyltrichloroethane।
DDT एक संपर्क कीटनाशक है। अर्थात इस रसायन के पतंगों के शरीर को स्पर्श करने मात्र से पतंगों की मृत्यु हो जाती है।
23. दो जैव कीटनाशकों के उदाहरण दो। (Cry) क्राइ प्रोटीन क्या है?
उत्तर: दो जैव कीटनाशक हैं – पाइरेथ्रिन एवं सिट्रोनेला तेल।
Bacillus thuringiensis नामक जीवाणु द्वारा संश्लेषित प्रोटीन या विषाक्त पदार्थ जो कीटों के लिए घातक होता है, उसे (cry) क्राइ प्रोटीन कहते हैं।
24. अंतर्राष्ट्रीय धान अनुसंधान केंद्र कहाँ स्थित है? अंतर्राष्ट्रीय गेंहू अनुसंधान केंद्र कहाँ स्थित है?
उत्तर: अंतर्राष्ट्रीय धान अनुसंधान केंद्र फिलीपींस की राजधानी मनीला में स्थित है।
अंतर्राष्ट्रीय गेंहू अनुसंधान केंद्र मेक्सिको की राजधानी मेक्सिको सिटी में स्थित है।
25. फ्यूमिगेशन और फ्यूमिगेंट क्या है?
उत्तर: किसी विशेष रसायन के धुएं या वाष्प के द्वारा कीटों को नष्ट करना ही फ्यूमिगेशन कहलाता है।
वे सभी रसायन जिनसे धुआं या वाष्प निकलता है, उन्हें फ्यूमिगेंट कहते हैं। जैसे- मिथाइल ब्रोमाइड।
26. ए-कोना एक प्रकार का उद्भिदनाशक है। इसका रासायनिक नाम लिखो।
उत्तर: ए-कोना एक प्रकार का उद्भिदनाशक है। इसका रासायनिक नाम – Dichlorodiphenyltrichloroethane (DDT)
27. EDB और 2,4-D का पूरा रासायनिक नाम क्या है?
उत्तर: EDB का पूरा रासायनिक नाम – Ethylenedibromide।
2,4-D का पूरा रासायनिक नाम – 2,4-Dichlorophenoxyacetic acid।
28. छत्रक ध्वंसकारी रासायनिक पदार्थ एवं बैक्टीरिया दमनकारी पदार्थ को क्या कहते हैं?
उत्तर: छत्रक ध्वंसकारी रासायनिक पदार्थों को फंगीसाइड कहते हैं। जैसे- कनिका (conika)।
बैक्टीरिया दमनकारी रासायनिक पदार्थों को बैक्टीरियोसाइड कहते हैं। जैसे- पेंटाक्लोरोफेनोल।
29. कीटपतंग विनाशकारी रासायनिक पदार्थ को क्या कहते हैं? एक कीटनाशक का नाम उल्लेख कीजिए।
उत्तर: कीटपतंग विनाशकारी रासायनिक पदार्थों को इन्सैक्टिसाइड कहते हैं। जैसे- DDT।
एक कीटनाशक का नाम DDT।
30. Bt टॉक्सिन क्या है? लेग हीमोग्लोबिन का क्या कार्य है?
उत्तर: साधारणतया मृदास्थित एक जीवाणु (Bacillus thuringiensis) एक विशिष्ट प्रकार का प्रोटीन (cry protein) संश्लेषित करता है, जो कुछ पतंगों के लिए विष के रूप में कार्य करता है। इस विशेष प्रोटीन को ही Bt टॉक्सिन कहते हैं।
लेगहीमोग्लोबिन एक विशेष प्रकार का वर्णक है जो ऑक्सीजन और नाइट्रोजन को वाहन करता है. यह फलीदार पौधों की जड़ ग्रंथिकाओं में पाया जाता है. लेगहीमोग्लोबिन को लेगोग्लोबिन भी कहा जाता है।
31. एग्रोकेमिकल्स एवं एग्रोफॉरेस्ट्री क्या है?
उत्तर: वे सभी रासायनिक पदार्थ जो कृषि क्षेत्र में फसली पौधों की वृद्धि, अधिक फसल उत्पादन, कीट एवं रोग आक्रमण से फसलों को बचाने के लिए प्रयोग किए जाते हैं, उन्हें एग्रोकेमिकल्स कहते हैं। जैसे- एंड्रिन, यूरिया।
एग्रोफॉरेस्ट्री या कृषि वानिकी एक ऐसी प्रणाली है जिसमें कृषि और वानिकी को एक साथ जोड़ा जाता है। इसमें खेतों में फसलों के साथ-साथ पेड़ भी लगाए जाते हैं। यह एक पारंपरिक कृषि पद्धति है जिसे सदियों से इस्तेमाल किया जा रहा है और आजकल भी इसकी लोकप्रियता बढ़ रही है।
32. ट्रांस्जेनिक पौधा किसे कहते हैं? दो ट्रांस्जेनिक पौधों के नाम लिखो।
उत्तर: जैव प्रौद्योगिकी की सहायता से किसी पौधे में किसी बाहरी जीन (ट्रांसजीन) को प्रवेश कराकर उसके चारित्रिक गुणों में परिवर्तन करके जो नया पौधा बनाया जाता है, उसे ट्रांस्जेनिक पौधा कहते हैं।
ट्रांसजेनिक पौधे वे पौधे होते हैं जिनमें जेनेटिक इंजीनियरिंग के ज़रिए विदेशी जीवित तत्वों को स्थापित किया जाता है।
दो ट्रांस्जेनिक पौधे हैं – 1. टीएमवी प्रतिरोधी टमाटर, 2. Bt कॉटन।