
बायोचार (Biochar) एक कार्बन युक्त ठोस पदार्थ है, जो जैविक अवशेषों (जैसे कृषि अपशिष्ट, लकड़ी, पौधों के अवशेष आदि) को सीमित ऑक्सीजन की उपस्थिति में उच्च तापमान पर जलाने (पायरोलिसिस) की प्रक्रिया से उत्पन्न होता है। यह एक झरझरा और टिकाऊ सामग्री है, जिसका सबसे बड़ा उपयोग मिट्टी में सुधार, कार्बन पृथक्करण, और स्थायी कृषि विकास के लिए किया जाता है।
बायोचार का इतिहास एवं प्रारंभिक उपयोग
बायोचार की पारंपरिक तकनीक सबसे पहले अमेज़न बेसिन के स्वदेशी लोगों द्वारा अपनाई गई थी। उन्होंने खेतों की उर्वरता बढ़ाने के लिए जैव चारकोल और जैविक कचरे को मिट्टी में मिलाया, जिससे टेरा प्रेटा (काली मातृभूमि) नामक उच्च उपजाऊ और कार्बन समृद्ध मिट्टी का निर्माण हुआ।
बायोचार के गुण
झरझरा संरचना: बायोचार की महीन छिद्रयुक्त संरचना होती है, जिससे यह जल और पोषक तत्वों को लंबे समय तक थामे और धीरे-धीरे पौधों को उपलब्ध कराता है। इससे सूखे में भी पौधे की वृद्धि संभव होती है।
कार्बन पृथक्करण: बायोचार में कार्बन की मात्रा अधिक होती है, और यह मिट्टी में सैकड़ों वर्षों तक बना रह सकता है, जिससे यह जलवायु परिवर्तन को कम करने में सहायक है।
मिट्टी के सूक्ष्मजीवों के लिए आवास: इसकी सरंचना लाभकारी सूक्ष्मजीवों और फफूंद को पनपने का अवसर देती है, जिससे मिट्टी की सेहत बेहतर होती है।
बायोचार के लाभ
मिट्टी की उर्वरता में सुधार: बायोचार के उपयोग से मिट्टी की पोषकता और जल-धारण क्षमता बढ़ती है, जिससे फसल की पैदावार व पौधों की वृद्धि होती है।
रासायनिक उर्वरकों की आवश्यकता कम: यह पोषक तत्वों का क्षय रोकता है, जिससे कम रासायनिक उर्वरकों की जरूरत रहती है और लागत घटती है।
ग्रीनहाउस गैसों में कमी: बायोचार नाइट्रस ऑक्साइड और कार्बन डाइऑक्साइड जैसी गैसों के उत्सर्जन को कम करता है, जो वातावरण के लिए लाभकारी है।
जल संरक्षण: बायोचार के माध्यम से पानी मिट्टी में लंबे समय तक बना रहता है, जिससे सिंचाई का बोझ कम होता है।
अपशिष्ट प्रबंधन: कृषि और शहरी जैविक अपशिष्ट का बायोचार में बदलना एक स्थायी समाधान प्रदान करता है, जिससे कचरे का निपटान और ऊर्जा उत्पादन संभव होता है।
भारत में संभावनाएँ
भारत में बायोचार का भविष्य उज्ज्वल है क्योंकि यहाँ कृषि अवशेष और ठोस जैविक कचरे की भरमार है। यदि विभिन्न क्षेत्रों में 30-50% जैविक अपशिष्ट से बायोचार उत्पादित किया जाए, तो इससे कार्बन पृथक्करण, रोजगार सृजन और कृषि टिकाऊपन को नई दिशा मिल सकती है।
निष्कर्ष
बायोचार (Biochar) एक बहुपरकारी, पर्यावरण-अनुकूल और आर्थिक दृष्टि से उपयोगी नवाचार है, जो विशेष रूप से कृषिप्रधान देशों के लिए आवश्यक है। इसकी मदद से मृदा सुधार, जलवायु प्रबंधन और अपशिष्ट निपटान के क्षेत्र में राष्ट्रीय एवं वैश्विक स्तर पर सकारात्मक परिवर्तन लाया जा सकता है।
Reference:
- Soil & Water Benefits of Biochar
- Agricultural Benefits of Biochar
- The Bountiful Benefits Of Biochar
- What Is Biochar and How Is It Used?
- Biochar
- What is the potential of biochar?
- The 55 uses of biochar
- Biochar – A Carbon Sink Solution for India’s Net-Zero Future
- The costs and benefits of biochar production and use
- बायोचार के गुण – Role of Biochar in Sequestering Carbon in Hindi
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